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बदली हुई फिजा
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08-19-2011
kumud
Junior Member
: Aug 2011
: Faridabad
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बदली हुई फिजा
एक इंसान उठा उसकी आवाज उठी
रण में जैसे शंखनाद बजा सोया हुआ इंसान जगा
जिस देह मे
ं बहता खून बन गया था पानी उसने भर दी उसमें रवानी
आज मैं मैं नहीं तू तू नहीं हर एक बन गया हिन्दुस्तानी
kumud
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