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  #1  
08-19-2011
kumud
Junior Member
 
: Aug 2011
: Faridabad
: 43
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बदली हुई फिजा

एक इंसान उठा उसकी आवाज उठी
रण में जैसे शंखनाद बजा सोया हुआ इंसान जगा

जिस देह में बहता खून बन गया था पानी उसने भर दी उसमें रवानी
आज मैं मैं नहीं तू तू नहीं हर एक बन गया हिन्दुस्तानी