
08-14-2012
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: Oct 2008
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Appeal - अपील

भ्रष्टाचार और काले धन के मुद्दे पर सरकार से तीन दिन अनुनय-विनय करने के बाद भी सरकार ने कोई सहमती व्यक्त ना कि बल्कि अनशन का मज़ाक बनाया । सरकार कि इस तानाशाही से व्यथित होकर योग गुरु ने महाक्रांति का ऐलान कर दिया है । 13 अगस्त को आंदोलन का एक नया ही रूप देखने को मिला । स्वामी रामदेवजी ने देश कि जनता से अपील करी कि वे इस अहिंसक क्रांति में उनका साथ दे । सभी देशभक्त सुबह 10 बजे रामलीला मैदान में पहुंचे । वही से निर्णायक क्रांति का बिगुल बजाया जाएगा । स्वामी रामदेवजी ने विभिन्न राजनैतिक व सामाजिक संगठनो से भी आग्रह किया है कि वे काले धन के संबंध मे अपना अभिमत स्पष्ट करे । इस दौरान देश के विभिन्न संगठनो व अनेकों नामचीन व्यक्तियों द्वारा स्वामी रामदेवजी के आंदोलन को समर्थन दिया, पूर्व सेनाध्यक्ष वी के सिंह, किरण बेदी भी आंदोलन के पहले ही समर्थन दे चुके है, फरीदाबाद के वकीलो के संगठन, लघु उद्योग कि और से, दिल्ली किसान पंचायत, भारतीय किसान संघ मध्यप्रदेश, वीर शहीद भगत सिंह और सुखदेव जी के वंशजो द्वारा, नवीन पटनायकजी के द्वारा, संत महामण्डल, वरिष्ठ पत्रकार कि और से, गौरक्षा आंदोलन समिति, ब्राह्मण समाज, किसान मुक्ति संग्राम समिति सहित सैकड़ो संगठनों ने मंच से समर्थन कि घोषणा कि थी वही देश कि सैकड़ो पंचायत व जन प्रतिनिधियों ने लिखित समर्थन स्वामी रामदेव को दिया । अनशन के चौथे दिन अकाली दल बादल, शरद यादव, बीजेपी से नितिन गड्करी, जनता पार्टी से सुब्रमण्यम स्वामी सहित विशिष्ट राजनैतिक हस्तियों ने भी न केवल इस आंदोलन को समर्थन दिया बल्कि लोक सभा और राज्य सभा मे भी इस मामले को उठाया, बाल ठाकरेजी, मुलायम सिंहजी तथा मायावतीजी ने भी इस मुद्दे पर अपना समर्थन दिखाया । इतने समर्थन और हजारो लोग जो कि देश के विभिन्न प्रान्तों से पिछले चार दिन से आए है को सरकार द्वारा रत्ती मात्र तवज्जो न देने से न सरकार की तानाशाही रवैये और रामलीला मैदान से जनता की बात नहीं सुनने के विरोध मे संसद तक का मार्च प्रारम्भ कर दिया जिसे पुलिस प्रशासन ने 144 धारा का हवाला देकर रोक दिया और स्वामी रामदेव को हिरासत मे ले लिया । स्वामीजी के आदेश पर उपस्थित कार्यकर्ताओं ने कोई विरोध नहीं किया किन्तु उन्होने आग्रह किया की हमे भी स्वामीजी के साथ गिरफ्तार करो । पुलिस हजारो की संख्या मे मौजूद समर्थको को हिरासत मे ना ले पायी क्योकि उनके पास इतने वाहन ही नहीं थे जो की वे इतने बड़े जनसमुदाय को हिरासत मे ले सके । तब स्वामी जी को जिस बस में बैठाया था उसी के साथ ही जनसमुदाय पैदल चलता रहा । इतनी भीड़ होने से बस पाँच घंटे मे बहुत थोड़ा ही चल पायी तब पुलिस ने अंबेडकर स्टेडियम को अस्थायी जेल बनाकर स्वामीजी को वहा ले गए , उनके साथ हजारो लोगो ने खुशी खुशी गिरफ्तारी दी । रास्ते मे तेज धूप और बारिश जैसी समस्या भी देशभक्तों का रास्ता नहीं रोक पायी । देशभक्त भूखे प्यासे अंबेडकर स्टेडियम के उस मैदान मे डट गए जहाँ न सोने को बिस्तर न शोचलाय न पीने का पानी और खाना है।
स्वामी रामदेवजी ने दिल्ली और उसके आसपास वाले राज्यों से अधिक से अधिक देश भक्तों से इस आंदोलन मे जुडने की अपील की है ।
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