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  #9  
03-12-2011
tushar pandya
Junior Member
 
: Mar 2011
: 38
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मेरा भी मानना है की सिर्फ ब्लॉग पर लिखने से कुछ नहीं होगा लेकिन इससे हमें ये तो पता चलेगा की देश के लिए सोचने वाले हम अकेले नही है, कई बार जब भी हम अपने देश के लिए या भ्रष्टाचार के खिलाफ कुछ सोचना चाहते है तो मन में पहले ही ये ख्याल आ जाता है की मेरे अकेले के ऐसा सोचने से क्या होगा ? दूसरी बात जो आपने लिखी की कुछ दिन अनशन करने से या भ्रष्ट सरकार से भ्रष्टाचार मुक्ति हेतु कानून मांगने से वो मानेगी नही, तो मई आपको स्पष्ट करना चाहूँगा की ये लड़ाई चार या पांच दिन की नहीं है, यदि हम अपने आने वाली पीढ़ी को इस भ्रष्टाचार के अत्याचार से बचाना चाहते है तो हमें शायद पूरी जिंदगी ये लड़ाई लड़नी होगी, आपकी जानकारी के लिए बता दू की "सुचना का अधिकार" भी हमें जन आन्दोलन के जरिये श्री अन्ना हजारे ने ही दिलवाया था, मुंबई के आजाद मैदान में अनशन पर बैठ कर | उसके बाद उन्होंने जन आन्दोलन के जरिये ही छ और कानून बनवाये महाराष्ट्र में | आखिर हम लोग लोकतंत्र में जी रहे है यदि लोगो की मर्जी ही नहीं चलेगी तो फिर ये लोकतंत्र कहा से हुआ | अंत में फोरम के सभी सदस्यों से निवेदन करना चाहता हु की वो हिंदी में लिखने का कष्ट करे, आप सभी लोग हिंदी में बात करते है ये अच्छी बात है लेकिन देवनागरी लिपि को भी सन्मान मिलना चाहिए | हिंदी में लिखने के लिए निम्न वेबसाइट पर जाये www.google.com/transliterate/indic