shambhujiMember |
: 10-26-2011
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Govt. Lokpal Bill vs Jan Lokpal Bill
Date: June 22, 2011
This law will have jurisdiction over 65,000 central government employees, 4.5 lakh registered NGOs, lakhs of movements (and unregistered NGOs) and no companies.
It applies to only Group A officers of central government, but does not apply to other central government employees.
It does not apply to any state government employee. However, it applies to all state and central NGOs – whether registered or not.
Minimum punishment against a corrupt person is six months.
Minimum punishment against false complainant is two years. Government will provide the lawyer and expenses to the corrupt officer to file a case against his complainant.
Please See Below Link
http://ehindisahitya.blogspot.com/20...kpal-bill.html -
लोकपाल बिलः कांग्रसी अलाप -शम्भु चौधरी
1. फूट डालो राज करो
आखिरकर जैसे-जैसे 30जून सामने आते जा रही है, कांग्रसी का असली चेहरा भी सामने आने लगा। पहले यही काम वे बाबा रामदेव को अपना मोहरा बनाकर सिविल सोसाइटी के लोगों कोमुर्ख बनाने एवं फूट डालो राज करो की अंग्रजी चाल का पासा चला जब वो चेहरा बेनकाब होकर जनता के सामने उसके परचे-परचे उखड़ गये तो अब कांग्रसी लोगों को
गांधीवादी अन्ना हजारे तानाशाह नजर आने लगे। चलिये पहले हम पिछले दिनों तेजी से बदलते स्वर पर एक नजर डाल लेते है। अन्ना के अनशन से उठे जनसैलाब के भय से कांग्रेस की सरकार शुरू में इस बात पर जोर देने लगी वो भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जनता के साथ है और ईमानदारी पूर्वक वो भी इस बिल को संसद में लाने की पक्षधर है। परन्तु इसके लिए एक प्रक्रिया है जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंर्तगत जरूरी है कि समाज और सरकार के सदस्य मिलकर इस बिल के ड्राफ्ट को बना संसद में पारित करनेहेतु भेजे। सरकार ने आनन-फानन में अन्ना हाजारे के अनशन को समाप्त कराने के लिए रातों-रात सरकारी छापाखाना खुलवा गजट भी जारी करवा दिया। दरअसल में सरकार का यह चेहरा उनके शकुनि विजय का था जिसको लेकर वे राहत की सांस लेने लगे थे कि बड़ी सावधानी से उनलोगों ने सिविल सोसाइटी के सदस्यों को एक पिंजरे में बन्द कर दिया है।
बैठकें शुरू हुई सरकार की मंशा एवं लोकपाल बिल को लेकर उनका नेक इरादा सामने आने लगा। एक-दो बैठकों के बाद ही इन लोगों ने अन्ना से नाराज खेमे बाबा रामदेव की महत्वकांक्षी भूख को मिटाने के लिए योजनाबध तरिके को अपना कर उनसे सरकारी बयान दिला दिया। सरकार के पांच-पांच मंत्री बाबा के आवभगत में भेजे गये। खैर बाबा का क्या हर्ष कांग्रेसी तानाशाहों ने किया उसे सारी दुनिया ने देख ही लिया। तानाशाह का अर्थ क्या होता है इससे बड़ा उदाहरण और क्या दिया जा सकता है कि आधी रात को सोई हुई जनता पर लांठियां बरसाई गई। रातों-रात हीलन से भीलनबना दिये गये बाबा रामदेव। कारण स्पष्ट था गुप्त समझौते के अनुसार बाबा का कांग्रसी आदेशों का पालन न करना था।
2. खुद के काले करनामे को उजागर:
बाबा का प्ररकरण पर शतरंजी विजय प्राप्त कर लेने वाले कांग्रसी के हौसले अबतक बुलंदियों पर पंहुच चुके थे। श्रीमती सोनिया गांधी सहित भ्रष्टाचार में लिप्त देश के तमाम राजनेताओं ने होली मनाई। मानो इनके खुशी के ठिकाने भी न रहे। कांग्रेस इस सफलता का दूसरा निशाना अन्ना और सिविल सोसाइटी की तरफ मोड़ बैठकों में खुलकर अपने गुप्त ऐजेंडे को लेकर बोलने लगे और अभद्र शब्दों का प्रयोग करने में भी संकोच नहीं किया।
संसद के चुने हुए प्रतिनिधि और न चुने हुए प्रतिनिधि -
सरकारी प्रवक्ता इस बात पर बार-बार जोर दे रहें है कि वे चुने हुए जनता के प्रतिनिधि हैं। इसका क्या अर्थ होता है? कि वे जनता की बात सुनने या मानने से इंकार कर दें? आखिर में सरकार और सरकारी चापलूसी करने वाले मीडियाकर्मी व संपादक ये भी बताये कि चुने हुए इस भ्रष्ट लागों का रोल क्या है? इनकी संवैधानिक जिम्मेदारियां क्या-क्या है? संसद के अन्दर इनकी क्या जिम्मेदारी है और संसद के बाहर क्या-क्या है? उल्फा या गोरखालेंड के प्रतिनिधियों में से कितने चुने हुए सांसद है जिनकी मांगे मानी गई। उल्फा को तो सरकार ने आर्थिक पैकेज तक दे दिया। सांसद जनता के प्रति भी जिम्मेदार है कि सिर्फ संसद के प्रति? सांसदों को जो सुविधा प्रदान की जाती है वो सभी उनको मौज-मस्ती करने के लिए ही दी जाती है क्या? भ्रष्टाचार देश की समस्या है कि नहीं? यदि है तो इसके लिए सरकार ने इसे समाप्त करने के लिए अबतक क्या-क्या उपाय किये? ऐसे सैकड़ों सवाल हैं, जिसे लिखा जा सकता है।
सरकार की मंशा में खोटः
अपने गुप्त ऐजेंडे को किसी प्रकार लागू करवा सके इसीलिए सरकारी पक्ष बैठकों में उनके द्वारा किये जा रहे व्यवहार को जनता के सामने लाने हिचक रही है। जबकि सिविल सोसाइटी का मानना है कि यदि सरकारी पक्ष बिल के प्रति ईमानदारी से पेश आना चाहती है तो इसका सीधा प्रसारण से डर क्यों रही है? दरअसल बात कुछ ओर है कांग्रेस की सरकार न तो कभी इस बिल को लेकर गंभीर रही है न आज है। इनका सीधा सा मकशद है किसी तरह जनता और मीडियाकर्मी को भ्रमित कर अपना उल्लू सीधा कर लें। कांग्रेस सहित तमाम पार्टी जिसमें भाजपा, माकपा, भाकपा, राकंपा, समाजवादी, तृणमूल, करुणनिधि, जयललिता, लालू-माया जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं ये सभी जानते है कि इस बिल के पारित हो जाने से सबसे ज्यादा उनको क्षति होने वाली है। अर्थात इससे देश का व्योरोकेट अधिकारियों को कम उनको सबसे अधिक इसका सामना करना पड़ेगा। कारण साफ है सरकार बनती और बिगड़ती है और भ्रष्टाचार की शुरूआत संसद और विधानसभाओं में बहुमत को लेकर ही होती है। अब आप कल्पना किजिए कोई अपने पांव पर ही कुल्हाड़ी क्यों मारेगा। इसलिए सबकेसब इस मामले को इतिश्री का इंतजार बड़ी बेसब्री कर रहे हैं। इसलिए ज्यों-ज्यों दिन गुजरता जा रहा अन्ना की बात कांग्रेस को धमकी लगने लगी।
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aliens shambhuji : सलमान खुर्शीद जी का ताजा बयान -आपके ताजा बयान जिसमें आपने सरकार और सिविल सोसायटी के बीच मतभेदों को बढ़ावा न देने की अपील की है हम इसका स्वागत करते हैं। हम सरकार से भी चाहते हैं कि वे सिविल सोसायटी के सदस्यों की...: 10-26-2011, 10:59 AM
: 10-26-2011, 08:40 AMshilpadubey shambhuji : इरोम शर्मिलाः मशाल थामें महिलाऐंहम यदि जानवरों पर भी ऐसा व्यवहार करें तो सारी दुनिया में इसके खिलाफ आवाजें उठ जाती है परन्तु भारत के कुछ हिस्सों में गोलियों से सरेआम सेनाबल इंसानों को सड़कों पर भून देती है और सरकार चूँ तक नहीं करती।...: 09-15-2011, 03:42 PM
: 09-14-2011, 09:43 PMsheenil shambhuji : व्यंग्य: अक्ल बड़ी की भैंस?संसद में इस बात पर बहस शुरू हो गई कि यह पता लगाया जाए कि अक्ल बड़ी की भैंस? तो सभी सांसदों ने एक स्वर में ही चिल्लाया ‘अक्ल’ परन्तु वहां कुछेक ऐसे भी सांसद बचे थे जो इस बात से सहमत नजर नहीं आ रहे थे।...: 08-31-2011, 11:45 PM
: 08-31-2011, 05:09 PMHAYRAM shambhuji : Motion against Kiran Bedi & OM PuriThe Indian Democracy Has a right to explain their view in any manner. As like a Cartoon also. The Kiran bedi act is like Live cartoon on some of the members behaviors in parliament. Where as Sri...: 08-31-2011, 08:52 PM
: 08-29-2011, 03:39 PMHAYRAM shambhuji : व्यंग्य: अक्ल बड़ी की भैंस?संसद में इस बात पर बहस शुरू हो गई कि यह पता लगाया जाए कि अक्ल बड़ी की भैंस? तो सभी सांसदों ने एक स्वर में ही चिल्लाया ‘अक्ल’ परन्तु वहां कुछेक ऐसे भी सांसद बचे थे जो इस बात से सहमत नजर नहीं आ रहे थे।...: 08-31-2011, 08:04 PM
: 08-31-2011, 05:09 PMbrajm shambhuji : Lalu, Tiwari, Amar to be Axed from Lokpal Panel...???Please Provide all list of this parliament committee as well as this committee should be transparent in all manners: 08-31-2011, 07:54 PM
: 08-31-2011, 05:29 PMAnjali shambhuji : व्यंग्य: अक्ल बड़ी की भैंस?संसद में इस बात पर बहस शुरू हो गई कि यह पता लगाया जाए कि अक्ल बड़ी की भैंस? तो सभी सांसदों ने एक स्वर में ही चिल्लाया ‘अक्ल’ परन्तु वहां कुछेक ऐसे भी सांसद बचे थे जो इस बात से सहमत नजर नहीं आ रहे थे।...: 08-31-2011, 07:47 PM
: 08-31-2011, 05:09 PMnidhi sharma shambhuji : लोकतंत्र ने लोकतंत्र को ललकारा...लोकतंत्र ने लोकतंत्र को ललकारा...- शंभु चौधरी आज श्री अन्ना जी के अनशन का 10वां दिन है। इस बात में अब कोई विवाद नहीं दिखता कि देश दो भागों में बंट चुका है। इतिहास के पन्नों में हर पल को बड़ी बैचेनी...: 08-25-2011, 11:55 AM
: 08-25-2011, 09:03 AMProud Indian shambhuji : लोकतंत्र ने लोकतंत्र को ललकारा...लोकतंत्र ने लोकतंत्र को ललकारा...- शंभु चौधरी आज श्री अन्ना जी के अनशन का 10वां दिन है। इस बात में अब कोई विवाद नहीं दिखता कि देश दो भागों में बंट चुका है। इतिहास के पन्नों में हर पल को बड़ी बैचेनी...: 08-25-2011, 11:42 AM
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: 08-25-2011, 09:08 AMProud Indian shambhuji : अन्ना व उनकी टीम का शुक्रगुजारअन्ना व उनकी टीम का शुक्रगुजार एक गांधी फिर यहाँ जन्म लेकर चल पड़ा है, देख लो सारा वतन ! देश, फिर से उसके पीछे ही खड़ा है। सरकार यह मानती है कि जैसे ही मां के पेट में बच्चा गर्भ धारन कर लेता है...: 08-19-2011, 02:17 PM
: 08-19-2011, 11:31 AMAmar Sharma shambhuji : सरकार भी संसद से ऊपर नहीं - शम्भु चौधरीभारत जब से आजाद हुआ इसके आजादी के मायने ही बदल गये। सांप्रदायिकता के नये-नये अर्थ शब्द कोश में भरने लगे। इसका सबसे ताजा उदाहरण है भ्रष्टाचार की बात करने वाले भी अब सांप्रदायिक तकतों से हाथ मिला लिये।...: 08-18-2011, 02:55 PM
: 06-28-2011, 09:23 PMMahant shambhuji : सरदारों का जमीर - शम्भु चौधरी:) बाबा अम्बेदकर द्वारा रचित संविधान में राम का नाम लिखना-जपना सांप्रदायिकता है सो हमने इस लय को नई धुन देने का प्रयास कर रहा हूँ। ‘‘अल्लाह तेरी गंगा (संसद) मेली हो गइइईं-पापीयों के पाप...: 08-18-2011, 06:59 AM
: 07-15-2011, 10:16 AMPadmaja Naidu shambhuji : चुनौती पर चुनौती - शम्भु चौधरीपिछले 35 सालों से कांग्रेस पार्टी बंगाल में माकपा की पिछलग्गू पार्टी के रूप में कार्य करती रही। एक समय वाममोर्चा के खिलाफ लड़ाई में ममता दीदी को पार्टी से धक्का देने वाले कांग्रेसी चम्मचे आज प्रायः...: 08-17-2011, 10:41 PM
: 07-02-2011, 07:24 AM
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