|
|
भ्रष्ट अब कांप रहे है नाम सुन "अन्ना हजारे"जब तलक पीते रहे तुम खून हम खामोश थे अब वतन को पी रहे हो यह सहन कैसे करें I ..... |
#1
|
|||
|
|||
भ्रष्ट अब कांप रहे है नाम सुन "अन्ना हजारे"
जब तलक पीते रहे तुम खून हम खामोश थे अब वतन को पी रहे हो यह सहन कैसे करें I तुम ही बतलाओ अब प्रजातंत्र के ढोंगियों इस व्यवस्था को नमन अब सभी कैसे करें II निर्वाचित प्रतिनिधि लोकतान्त्रिक शासन प्रणाली के महत्वपूर्ण पुर्जे जरूर है किन्तु अपने आप में सरकार नहीं हो सकते i जो सदन जनता की भावनाओं को न समझे वह कैसे जनतांत्रिक कहा जायेगा ? मुद्दों के विवाद को मिल बैठ कर सुलझाना होगा i नवभारत के सृजन खातिर सख्त लोकपाल लाना होगा ii कौन है जो प्राण देकर देश की हालत सुधारे i देखो भ्रष्ट अब कांप रहे है नाम सुन "अन्ना हजारे" हमारे संविधान ने जन को सर्वोच्च माना है और सदन में बैठे लोगों को भी अपार जन भावना का सम्मान कर लोकपाल बिल लाना ही होगा i |