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Reality of Sanjeev Bhatt

Anna first go through this detail. आखिर संजीव भट्ट क्या है ? मित्रों कांग्रेस और विदेशी ताकतों के फेके टुकड़े .....



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  • 1 abhiru


  #1  
10-05-2011
Junior Member
 
: Sep 2011
: Ahmedabad
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: 6 | 0.00 Per Day
Reality of Sanjeev Bhatt


Anna first go through this detail.

आखिर संजीव भट्ट क्या है ?

मित्रों कांग्रेस और विदेशी ताकतों के फेके टुकड़े पर पलने वाली मिडिया आखिर संजीव भट्ट के बारे मे इस देश के सामने सिर्फ आधी सच्चाई ही क्यों दिखा रही है ?

असल मे संजीव भट्ट एक “विसिल ब्लोव्वर ” नहीं बल्कि कांग्रेस के हाथो खेलने वाले एक “खिलौना ” भर है .. जैसे कोई बच्चा किसी खिलौने से सिर्फ कुछ दिन खेलकर उसे कूड़ेदान मे फेक देता है ठीक वही हाल कांग्रेस संजीव भट्ट का भी करने वाली है .. एक बार अमर सिंह से पूछ लो कांग्रेस क्या है ?

लेकिन मीडिया जिस तरह से संजीव भट्ट को एक “नायक ” दिखा रही है वो एक झूठ है .

मै आपको संजीव भट्ट के बारे मे सच बताता हूँ :-

१- जब ये जनाब १९९६ मे बनासकाठा के एसपी थे तब इन्होने सिपाही पद की भर्ती मे बड़ा घोटाला किया था . इनके खिलाफ बड़े गंभीर आरोप लगे ..इन्होने भर्ती की पूरी प्रक्रिया को नकार दिया था और ना ही उमीदवारों के रिकार्ड रखे थे .

२-ये जनाब २००१ में राजस्तान [पाली ]का एक वकील सुमेर सिंह राजपुरोहित जो अपनी कार से अहमदाबाद आ रहा था उससे चेकिंग के नाम पर पैसे की मांग की थी जब उसने मना किया तो इन्होने उसके कर में ५०० ग्राम हेरोइन बरामद बताकर उसे नार्कोटिक्स की गंभीर धाराओं में जेल में डाल दिया .. असल में उस वकील के पास उस वक्त कोई सुबूत नहीं था जिससे पता चले की वो एक वकील है ..

बाद में पाली बार एसोसियेसन की अपील पर राजस्थान हाई कोर्ट ने क्राईम ब्रांच से अपने अंडर जाँच करवाई तो संजीव भट्ट को दोषी पाया गया .. जिसके खिलाफ संजीव भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट में अपील किया जो आज भी चल रहा है..
लेकिन भारत सरकार के मानवाधिकार आगोग ने अपनी जाचं में संजीव भट्ट को दोषी पाते हुए गुजरात सरकार को सुमेर सिंह राजपुरोहित को एक लाख रूपये हर्जाना अदा करके का हुक्कम दिया जो गुजरात सरकार के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाते से अदा किया गया .. ये सारी घटनाये गुजरात दंगे से पहले की है .. ….

३-अहमदाबाद के पास अडालज में नर्मदा केनाल के करीब २००० वार की सरकारी जमीन पर कब्जा करके बैठे है .. जब ये बात मीडिया में आई तो उन्होंने बताया की उन्होंने सुरम्य सोसाइटी में १००० वार का प्लाट ख़रीदा है जो उनकी माँ के नाम है ..

उन्होंने उस प्लाट की बाउंड्री करवा कर उनमे दो कमरे भी बनवा दिए लेकिन जब प्लाट को नापा गया तो वो २००० वार का निकला . असल में इन्होने केनाल की तरफ सरकारी जमीन को भी अपने कब्ज्जे में ले लिया ..
जब पत्रकारों ने उनसे पूछा की आपने अपने सम्पति डिक्लेरेशन में इस प्लाट का जिक्र क्यों नहीं किया तो वो चूप हो गए ..

और मोदी सरकार पर उलटे ये आरोप लगाने लगे की उनको बदनाम किया जा रहा है ..

४- 1990 में जब संजीव भट्ट जी जाम नगर में डीएसपी थे तो पुलिस की पिटाई से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई , संजीव भट्ट समेत छ अन्य पुलिस वाले आरोपी बनाए गए | ये केस आज भी जाम खंभालिया कोर्ट मे चल रहा है ..

५- ये जनाब लगातार १० महीने तक डियूटी से अनुपस्थित रहे ..और सरकार की किसी भी नोटिस का ठीक से जबाब नहीं दिया

६- इनके उपर एक कांस्टेबल के डी पंथ ने बहुत ही गंभीर आरोप लगाये है .. इन्होने मोदी के उपर लगाये गए आरोपों को और मजबूत करने के इरादे से पंथ का अपहरण करके गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अर्जुन मोधवाडिया के बंगले पर ले गये और फिर वहा पर उससे जबरजस्ती कई फर्जी कागजो पर साइन करवाया .

७- इनके उपर गुजरात के सहायक अटार्नी जनरल का ई मेल हैक करके कई गोपनीय सुचनाये चुराने का केस दर्ज है ..जिसमे आई टी एक्ट भी लगाया गया है

८- इन्होने मोदी के उपर जिस मीटिंग मे मुसलमानों के उपर हमलेका आदेश देने का आरोप लगाया है तत्कालीन डीजीपी श्री के चक्रवर्ती ने कहा की संजीव भट्ट उस बैठक में शामिल ही नहीं थे जिसका जिक्र संजीव भट्ट ने एफिडेविट में किया है |

९- आखिर इनके एफिडेविट को सुप्रीम कोर्ट ने लेने से ही मना क्यों कर दिया ?

मित्रों , अब मै इस देश की मीडिया जो कांग्रेस के हाथो बिक चुकी है क्या मेरे इन सवालों का जबाब देगी ?

१-आखिर मिडिया संजीव भट्ट या उनके पत्नी से ये क्यों नहीं पूछता कि आखिर इन्होने गुजरात दंगे के १० साल के बाद क्यों अचानक अपना फर्ज याद आया ?

२-आखिर ये १० साल तक चूप क्यों थे ?? क्या इनका जमीर १० साल के बाद जगा जब रिटायरमेंट के बाद केद्र मे कांग्रेस के द्वारा बड़ा पद मिलने का लालच दिया गया ?

३-और एक चौकाने वाला खुलासा हुआ है कि सादिक हुसैन शेख नामक जिस नोटरी से तीस्ता ने गुजरात दंगों के फ र्जी हलफनामे बनवाये, उसी नोटरी से संजीव भट्ट साहब ने भी अपना हलफनामा बनवाया आखिर क्यों ??

४- आज की तारीख मे कांग्रेस के द्वारा पंजाब मे १०० से ज्यादा पुलिस कर्मी आतंकवाद ने दौरन मानवाधिकारों के हनन और फर्जी एन्काउंटर के आरोप मे कई सालो से जेल मे बंद है और १२ पुलिस अधिकारी आत्महत्या तक कर चुके है .. जिसमे सबसे दुखद वाकया तरन तारन के युवा और कर्तव्यनिष्ठ एस एस पी श्री अजित सिंह संधू द्वारा चालीस मुकदमे से तंग आकर ट्रेन से आगे कूदकर आत्महत्या करना रहा है . फिर कांग्रेस किस मुंह से मोदी पर आरोप लगा रही है ?

असल मे संजीव भट्ट आज गुजरात कांग्रेस के नेताओ की वजह से जेल मे है ..

जी हाँ मित्रों ये सच है .. मेरे बहुत से मित्र गुजरात कांग्रेस मे कई बड़े पदों पर पदाधिकारी है उन्होंने मुझे कई चौकाने वाले खुलासे किये ..

असल मे संजीव भट्ट बहुत ही महत्वाकांक्षी व्यक्ति है .. उन्हें रिटायरमेंट के बाद केन्द्र सरकार मे कोई बड़ी नियुक्ति का लालच कांग्रेस के नेताओ ने दिया ..फिर ये पूरा खेल खेला गया ..

कांग्रेस ये मान कर चल रही थी कि सुप्रीम कोर्ट मोदी पर एफ आई आर दर्ज करने का आदेश जरुर देगी और फिर मोदी को इस्थीपा देना पड़ेगा जिससे गुजरात मे बीजेपी कमजोर हों जायेगी .. कांग्रेस के नेताओ ने तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दिन पुरे गुजरात मे बाँटने के लिए कई कुंतल मिठाई तक इक्कठा कर लिया था . लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तब सब मुंह छिपाने लगे
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10-05-2011
Senior Member
 
: Apr 2011
: Chennai
: 70
:
: 166 | 0.04 Per Day

Can someone please translate this into English, or just give a summary of it?

Ganesan. :~)

 



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