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regarding decission of election partyप्रिय श्री अरविंद केजरीवालजी , जयपुर- 02-08-2012 सबसे पहले तो आपसे प्रार्थना है कि आप अपनी सेहत , का सर्वोच ..... |
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regarding decission of election party
प्रिय श्री अरविंद केजरीवालजी, जयपुर- 02-08-2012 सबसे पहले तो आपसे प्रार्थना है कि आप अपनी सेहत, का सर्वोच प्राथमिकता देते हुए ध्यान रखें, यह हमारे व इस देश के लिए बहुत कीमती है। मै ईश्वर से भी प्रार्थना करूंगा कि कम से कम इस मुद्दे पर तो वो आपके हमेशा साथ रहे, व कृपा बनाए रखे। मै इन 7-8 दिनो के आप के व अन्नाजी के अनशन कार्यक्रम व सभी मीडिया के प्रसारणों व विभिन्न वक्ताओं/नेताओं कि टिप्पणीओन को गंभीरता से देख व सुन रहा हूँ। आज आपकी टीम का ‘राजनैतिक पार्टी’ बनाने के निर्णय का सुनकर बहुत आश्चर्य हुआ,कि इस देश मे राजनीति से कभी आम जनता के भले के कार्य नहीं हो सकते हैं। क्योंकि ‘मेरा भारत महान’ है, यहाँ समझदार-पढे लिखे आदमी (बाकी को छोड़िए)नियम मे नहीं चलकर गर्व अनुभव करते है, भ्रष्टाचार ,घूसख़ोरी आदि कि तो बातें बहुत दूर की हैं।आप के जंतर-मंतर व पिछली रामलीला मैदान पर जितनी भीड़ थी,उसके 80% लोग Rule Follow नहीं करके जीवन गुजारने मे खुशी महसूस करते हैं। आप कहाँ से 350 एम पी जीता कर लोकसभा पहुंचाएंगे ? और इसके बिना कुछ भी नहीं हो सकता है। इस देश मे तो आप expertise d लोगों की मदद से ऐसा कुछ कानून बनाएँ की –जो चोरी करे ,उसके चोराहे पर हाथ काट दिये जाय, रिश्वत लेने वाले व देने वाले दोनों के नाक-कान काट कर मनरेगा शिवरों मे 10 साल तक काम करके ज़िंदगी बिताए –फिर देखिये कैसी काया पलट होती है देश की। इन सभी नेताओं को कोई मीडिया वाला नहीं पूछता है की तुम लोग अमेरिका या यूरोप मे लाल बत्ती क्रॉस करके दिखाओ ,या सड़क पर कचरा फेंक कर दिखाओ ?यहाँ सबको V I P ट्रीटमंट चाहिए व कानून बनाने व पालना करने मे जन निकलती है। इस देश मे केजरीवालजी मूलचुल परिवर्तन कर शिक्षा मे सुधार की जरूरत है ,शुरू से बच्चे को आध्यात्मिक रूप से-- भगवान को पूजने की बजाय ,डरने वाली शिक्षा अनिवार्य करना जरूरी है ,जैसा खैरनार साहब टीवी पर बता रहे थे। तभी इंसान मे न पैसे की भूख होगी न गैरकानूनी रूप से कुछ भी हंसिल करने की ललक होगी –तब न कोई रिश्वत देनेवाला होगा न लेने वाला। यह मेरा 65 वर्ष का अनुभव है-क्योंकि,आज जिस धार्मिक गुरु, नेता, अभिनेता,विचारक,साहित्यकार आदि कि बात सुनो तो हर एक भारत देश की प्राचीन संस्कृति,वेदों पुराणो, के गुणगान करते थकता नहीं दिखता है। लेकिन किसी को जरासी भी लज्जा का आभास नहीं होता है कि ,1400-1500 सो वर्ष पहले भारत का इतिहास देखे तो सोने कि चिड़िया कहलाने वाला देश होता था और अमेरिका का केवल 400 वर्ष पहले का इतिहास यह थाकि वह हब्शियों और अविकसित जन-जातियों वाला देश कहलाता था। लेकिन आज, अमेरिका कहाँ पहुँच गया है और हम कहाँ रह गए हैं। वहाँ पर ह्यूमन वैल्यूस क्या है और हमारे यहाँ मानवीय गुणो कि क्या दशा है? भ्रष्टाचार कहाँ से दूर होगा, -इस देश मे धर्म गुरुओं कि बाढ़ सी आई हुई है ,जहां देखो ,जब देखो धार्मिक अनुश्टानों मे अरबों रुपए खर्च किए जाते हैं, भोली भालीऔर भयभीत जनता से अरबों का चढ़ावा,दान दक्षिणा के रूप मे इक्ठा किया जाता है। मेनेजमेंट गुरुओं के जीवन प्रबंधन सीखने के हजारों की संख्या मे लगातार व्याख्यान होते हैं ,लेकिन किसी को जरा भी शर्म नहीं आती है कि आज देश मे एक भी नेता या समाजसुधारक ऐसा नहीं है जिसकी तस्वीर घर मे लगाकर दो सेकंड हाथ जोड़ कर उसके सामने न्रत मस्तक होने का दिल करे।इसलिए क्या ही अच्छा हो यदि सरकार अब तक प्रचलित धर्म,शिक्षा व संविधान संबन्धित नियमो को रद्द कर,नए शास्त्र व संविधान की रचना करे ,जिसमेहर भारतीय धर्म के नाम पर“मानव”और जाति के नाम पर“नास्तिक”लिखने के अलावा कुछ भी नहीं लिखना स्वीकारे ताकि हर भारतीय सामाजिक व नैतिक रूप से“मनुष्य”कीतरह जीने को बाध्य हो जाए। आपके लेवेल पर काफी कार्य की आवश्यकता व उपेक्षाएं हैं। अंत मे –ईमानदारी की खातिर कहीं बलिदान की जरूरत हो तो मुझे अवश्य याद करें। ...... ॐ शांति प्रेम तंवर Rtd. Class I officer DOT Jaipur </SPAN></SPAN> |
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formation of new election party
team anna should not contest election
becoz it is very difficult to win election in rural no 1 about janlokpal in the rural village ppl do not know janlokpal in the rural village due to the illiteracy there ther do not understand the scams like 2g ,cwg etc thats why team anna should not contest election becoz it needs lot lot of money |