View Single Post
  #2  
01-28-2012
bk35
Junior Member
 
: Jan 2012
: ghaziabad
: 61
:
: 2 | 0.00 Per Day

नेगेटिव वोट भी कर सकते हैं आप
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान वोटर नेगेटिव वोट कर सकेंगे। अगर किसी वोटर को लगता है कि उसे किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं करना है तो उसके लिए खास इंतजाम रहेंगे। चुनाव आयोग पहली बार इस बारे में जोर - शोर से वोटरों को बता रहा है। साथ ही पहली बार नेगेटिव वोटों की भी गिनती होगी। जानकारों के मुताबिक राइट टु रिजेक्ट की संभावना को तलाश करने के लिए चुनाव आयोग का यह एक रिहर्सल है।

उम्मीदवार पसंद नहीं रूल 49 का इस्तेमाल करें

आयोग के निर्देश के मुताबिक अगर कोई वोटर नेगेटिव वोट करने की मांग करता है तो चुनाव अधिकार वोटर की सत्यता जांच कर अलग से बने रजिस्टर में उसका नाम लिखेंगे जिसके आगे उसका हस्ताक्षर या अंगुठे का निशान होगा। यह एक डाले गए वोट की तरह ही माना जाएगा जिसने किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं दिया। चुनाव आयोग ने इन वोटों की गिनती करने का भी आदेश दिया है।

हालांकि चुनाव प्रक्रिया के तहत इसकी व्यवस्था पहले से रही है , लेकिन आयोग ने अपने लेटर में माना है कि इस बारे में वोटर तो दूर , चुनाव कार्य में लगे अधिकारी तक को मालूम नहीं रहता है। लेकिन इस बार सभी चुनाव अधिकारियों को अलग से लेटर लिखकर इस बारे में पूरी तैयारी करने को कहा है।

फिलहाल नतीजे पर फर्क नहीं

हालांकि अभी प्रावधान के तहत इससे चुनावी नतीजों पर असर नहीं पड़ेगा भले ही नेगेटिव वोटिंग में ज्यादा वोट पड़ जाए। लेकिन भविष्य में राइट टु रिजेक्ट के तहत इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। चुनाव आयोग पहले ही राइट टु रिजेक्ट की वकालत कर चुका है। यह चुनाव सुधार के अहम मांगों में एक है।

सरकार की हरी झंडी का इंतजार

नेगेटिव वोट की एंट्री के लिए ईवीएम में व्यवस्था नहीं की जा सकी है। आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि इस बारे में सरकार से दो साल पहले ही अनुमति मांगी गई थी लेकिन उधर से कोई पहल नहीं हुई है। अगर सरकार अनुमति देती है तो ईवीएम में भी इसके लिए विकल्प बना लिया जाएगा। एक्सपर्ट की टीम इस बारे मेंे संभावना तलाश चुकी है और सरकार की हरी झंडी का इंतजार है।

पहली बार बनेगा डेटा

चुनाव आयोग पहली बार नेगेटिव वोटिंग के बारे में वोटरों को जागरूक करने की पहल कर रहा है। आयोग के मुताबिक पांच राज्यों में चुनाव के दौरान नेगेटिव वोटिंग पर मिले रुख का तकनीकी विश्लेषण होगा और इसका रिकॉर्ड भी बनाया जाएगा। भविष्य में इसका उपयोग चुनाव सुधार के लिए उठाए जा रहे कदमों में किया जा सकता है। चुनाव आयोग की ओर से कई सुधार के प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजे जा चुके हैं और उम्मीद है कि आगामी बजट सत्र में उन पर विचार भी हो सकता है। टीम अन्ना पहले ही लोकपाल के बाद चुनाव सुधार के लिए आंदोलन करने की घोषणा कर चुकी है।