आओ पिटे
प्यारे देशवासियो
आओ पीटें
पहले मुगलों से पीटें
फिर अंग्रेजो से पिटे
आओ
अब अपनों से पिटे
जब गैरों से पीटने में
शर्म नहीं
फिर अपनों से पीटने में क्या शर्म
अपने अफशरों से ,अपने करमचारियो से
अपने नेताओ से पीटने में क्या शर्म
हम तो अनादिकाल से ही उदारमना है
तो फिर
brahsto से घपलेबाजो से
पीटने पर क्यों तिलमिलाते हो
पीटने का अपना
सदियो पुराना अभ्यास
क्यों भुलाते हो
अपने महान करता धरता
अपना कमाल
यूँ हीं दिखाते रहेंगे
ये अपने मालिक घपलों पर घपले
रचते रहेंगे
कमीशन पर कमीशन
खाते रहेंगे
जाने कौन जयचंद
कमीशन खाकर
मुझे और तुम्हे
बेचने का कमाल दिखा डाले
जाने फिर किससे पिटना पड़े
जाने किन आत्तातियो की
ठोकरें खानी पड़े
इसलिए आओ ,पीटने का
अपना अभ्यास ,पक्का करें
तो फिर आओ पीटें , आओ पीटें
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